Geography, asked by pratapaa760, 3 months ago

निहारिका परिकल्पना का संक्षिप्त विवरण दीजिए ​

Answers

Answered by nishapathak1972
3

Answer:

hello.....

Explanation:

फ्रांसीसी विद्वान लाप्लास ने 1796 ई. में कांट के सिद्धांत को संशोधित करते हुए बताया कि एक विशाल तप्त निहारिका से पहले एक ही छल्ला बाहर निकला जो कई छल्लों में विभाजित हो गया तथा ये छल्ले अपने पितृ छल्ले के चारों ओर एक दिशा में घूमने लगे ।

Answered by payalgpawar15
1

Answer:

फ्रांसीसी विद्वान लाप्लास ने 1796 ई. में कांट के सिद्धांत को संशोधित करते हुए बताया कि एक विशाल तप्त निहारिका से पहले एक ही छल्ला बाहर निकला जो कई छल्लों में विभाजित हो गया तथा ये छल्ले अपने पितृ छल्ले के चारों ओर एक दिशा में घूमने लगे ।

बाद में इन्हीं के शीतलन से विभिन्न ग्रहों का निर्माण हुआ, जिनमें पृथ्वी भी शामिल है । इस परिकल्पना के अनुसार सभी ग्रहों के उपग्रहों को अपने पितृ ग्रह की दिशा में घूमना चाहिए । परन्तु, इस तथ्य के विपरीत शनि तथा बृहस्पति के उपग्रह अपने पितृ ग्रह के विपरीत दिशा में भ्रमण करते हैं ।

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