(ङ) 'हँस रही उषा' से कवि का क्या तात्पर्य है?
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O my god of school and I have a great day of school and I
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हंस रही ऊषा कविता भारत भूषण अग्रवाल द्वारा लिखी गयी कविता है, जिसमें शीर्षक हंस रही ऊषा नही है बल्कि 'फूटा प्रभात' है। ... इस कविता में कविता में कवि प्रातः कालीन प्राकृतिक सौंदर्य का सुंदर और भावप्रवण वर्णन किया है। कवि कहता सूरज की किरणें अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं, वातावरण में एक मुधर सा संगीत विद्यमान हो गया है।
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