१३/३५०, नेहरू चौक, अमरावती - ४४४ ६०१ से अमित पांडेय
अपने छोटे भाई अनिल को व्यायाम का महत्व समझाते हुए पत्र लिखता है।
Answers
१३/३५०, नेहरू चौक
अमरावती ४४४ ६०॥
१२ अक्टूबर, २०१२
प्रिय भाई अनिल
सस्नेह आशीर्वादा
दीदी के पा से तुम्हारी अस्वस्थता का समाचार मिला। तुम आए दिन इस प्रकार बीमार पड़ जाते हो, इसका क्या कारण है? तुम्हारी प्रथम सत्रांत परीक्षा भी नजदीक आ रही है। माताजी और पिताजी भी बहुत चितित होंगे। तुम्हारा शरीर कमजोर हो गया है, इसलिए तुम बार बार बीमार हो जाते हो। व्यायाम सुम करते नहीं। खेल कद से तुम हमेशा दूर भागते हो। तुम्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि सिर्फ अच्छा भोजन ही अच्छी सेहत बना नहीं सकता। अच्छे भोजन से अच्छी सेहत तभी बन सकती है, जब उचित और पर्याप्त व्यायाम भी किया जाए। व्यायाम से भोजन का अच्छा पाचन होता है। शरीर मजबूत बनता है। थकान या आलस्य कभी पास नहीं फटकता। मन में उत्साह बना रहता है। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन ही सारी सफलताओं के मुख्य आधार है। सचमुच, व्यायाम सुखी और सफल जीवन की कुंजी है।
तुम्हें प्रतिदिन सुबह या शाम नदी के किनारे घूमने जाना चाहिए। रोज सुबह पच्चीस पच्चीस दंड, बैठक और कुछ आसन करने चाहिए।
मुझे विश्वास है कि मेरी सलाह मानकर तुम तुरंत व्यायाम शुरू कर दोगे।
माताजी और पिताजी तथा दीदी को प्रणाम। छोटी मनीषा को खूब दुलार।
तुम्हारा भाई,
अमित
Explanation:
१३/३५०, नेहरू चौक
अमरावती ४४४ ६०॥
१२ अक्टूबर, २०१२
प्रिय भाई अनिल
सस्नेह आशीर्वादा
दीदी के पा से तुम्हारी अस्वस्थता का समाचार मिला। तुम आए दिन इस प्रकार बीमार पड़ जाते हो, इसका क्या कारण है? तुम्हारी प्रथम सत्रांत परीक्षा भी नजदीक आ रही है। माताजी और पिताजी भी बहुत चितित होंगे। तुम्हारा शरीर कमजोर हो गया है, इसलिए तुम बार बार बीमार हो जाते हो। व्यायाम सुम करते नहीं। खेल कद से तुम हमेशा दूर भागते हो। तुम्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि सिर्फ अच्छा भोजन ही अच्छी सेहत बना नहीं सकता। अच्छे भोजन से अच्छी सेहत तभी बन सकती है, जब उचित और पर्याप्त व्यायाम भी किया जाए। व्यायाम से भोजन का अच्छा पाचन होता है। शरीर मजबूत बनता है। थकान या आलस्य कभी पास नहीं फटकता। मन में उत्साह बना रहता है। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन ही सारी सफलताओं के मुख्य आधार है। सचमुच, व्यायाम सुखी और सफल जीवन की कुंजी है।
तुम्हें प्रतिदिन सुबह या शाम नदी के किनारे घूमने जाना चाहिए। रोज सुबह पच्चीस पच्चीस दंड, बैठक और कुछ आसन करने चाहिए।
मुझे विश्वास है कि मेरी सलाह मानकर तुम तुरंत व्यायाम शुरू कर दोगे।
माताजी और पिताजी तथा दीदी को प्रणाम। छोटी मनीषा को खूब दुलार।
तुम्हारा भाई,
अमित