Hindi, asked by neelmanilakra07, 6 months ago

नेहरुसाहित्यं लोकप्रियमस्ति​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

\huge\red{\underline{\overline{\mathbb{ληsωεя:-}}}}

बीसवीं सदी के भारत में जवाहरलाल नेहरू ने राजनीति, कला, संस्कृति और विज्ञान समेत जिन क्षेत्रों पर अपना गहरा प्रभाव डाला था, उनमें साहित्य भी एक था. राष्ट्र-निर्माण के साथ-साथ राष्ट्रीय अस्मिता को रचने में साहित्य की अहम भूमिका को नेहरू जी अच्छी तरह से समझते थे. उन्होंने एक बार लिखा था - ‘हम लोग जो राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं, देश के और ज़रूरी पहलू अक्सर भूल जाते हैं. किसी देश की असल जागृति उसके नए साहित्य से मालूम होती है क्योंकि उसमें जनता के नए-नए विचार और उमंगें निकलती हैं.’ अप्रैल 1939 में लिखे गए ‘साहित्य की बुनियाद’ शीर्षक वाले एक लेख में नेहरू ने साहित्यकारों से आम हिंदुस्तानी पाठकों को ध्यान में रखकर साहित्य लिखने का आह्वान करने के साथ-साथ ऐसा साहित्य रचने का आग्रह भी किया जो नए हिंदुस्तान का आईना बन सके.

\huge\blue{follow=follow}

Answered by vadhersonal16
0

Answer:

बीसवीं सदी के भारत में जवाहरलाल नेहरू ने राजनीति, कला, संस्कृति और विज्ञान समेत जिन क्षेत्रों पर अपना गहरा प्रभाव डाला था, उनमें साहित्य भी एक था. राष्ट्र-निर्माण के साथ-साथ राष्ट्रीय अस्मिता को रचने में साहित्य की अहम भूमिका को नेहरू जी अच्छी तरह से समझते थे. उन्होंने एक बार लिखा था - ‘हम लोग जो राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं, देश के और ज़रूरी पहलू अक्सर भूल जाते हैं. किसी देश की असल जागृति उसके नए साहित्य से मालूम होती है क्योंकि उसमें जनता के नए-नए विचार और उमंगें निकलती हैं.’ अप्रैल 1939 में लिखे गए ‘साहित्य की बुनियाद’ शीर्षक वाले एक लेख में नेहरू ने साहित्यकारों से आम हिंदुस्तानी पाठकों को ध्यान में रखकर साहित्य लिखने का आह्वान करने के साथ-साथ ऐसा साहित्य रचने का आग्रह भी किया जो नए हिंदुस्तान का आईना बन सके.

जवाहरलाल नेहरू अपने समय के भारतीय लेखकों के संपर्क में लगातार रहा करते थे. इनमें मुल्कराज आनंद, राजा राव, आरके नारायण जैसे अंग्रेजी के और सज्जाद जहीर जैसे उर्दू के लेखकों के अलावा हिंदी के भी कई लेखक शामिल थे. जहां सज्जाद ज़हीर अपनी किताब ‘रौशनाई’ में प्रगतिशील आंदोलन से नेहरू के जुड़ाव का ज़िक्र करते हैं, वहीं राजा राव और आरके नारायण ने भी नेहरू से अपने सम्पर्क-संवाद के बारे में लिखा है. मुल्कराज आनंद ने तो नेहरू के मानवतावाद पर ‘द ह्यूमनिज़्म ऑफ जवाहरलाल नेहरू’ सरीखी पुस्तक लिखने के साथ ही बच्चों के लिए ‘द स्टोरी ऑफ चाचा नेहरू’ जैसी दिलचस्प किताब भी लिखी थी.

Similar questions