निज आन-बान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे, अभिमान रहे।
जिस देश जाति में जन्म लिया,
| बलिदान उसी पर हो जावें!
WHAT ITS MEANING?
IN HINDI
Answers
Private on-premises ceiling,
Lord, be careful, be proud.
The country that originated in the caste,
| Sacrifice should be on the same!
Answer:
निज आन-बान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे, अभिमान रहे।
जिस देश जाति में जन्म लिया,
| बलिदान उसी पर हो जावें!
Explanation:
हमें वह शक्ति दो, दयालु
कर्तव्य पथ पर अडिग रहो।
सेवा में, धन्यवाद
संसार (अपना) जीवन सफल हो जाए।
दयानिधि हमको वह शक्ति दो...॥
हम गरीब और दयनीय निबल हैं,
सेवक बन क्रोध को छोड़ो।
जो अटके हैं वे भूल गए हैं
तारे खुद भीग जाएं।
दयानिधि हमको वह शक्ति दो...
कपट, दंभ-द्वेष, कपट-झूठ,
अन्याय से कभी मत बचना।
जीवन शुद्ध और सरल होना चाहिए
शुचि प्रेम-सुधा रसावेन॥
दयानिधि हमको वह शक्ति दो...॥
मेरा गौरव, मान,
भगवान सावधान रहें, गर्व करें।
जिस ग्रामीण जाति* में मेरा जन्म हुआ,
उस पर यज्ञ करना चाहिए।
दयानिधि हमको वह शक्ति दो...॥
* कई जगहों पर देश-जाति के स्थान पर देश-राष्ट्र का प्रयोग किया जाता है।
आश्चर्य की बात यह है कि इस अत्यंत लोकप्रिय प्रार्थना/कविता के रचयिता को लोग नहीं जानते। इंटरनेट पर भी इस कविता के लेखक के बारे में मतभेद पाए गए हैं।
- कई वेबसाइटों का कहना है कि इसे मुरारीलाल शर्मा बालबंधु ने लिखा है, लेकिन कई विद्वानों का दावा है कि यह कविता श्री परशुराम पांडे ने लिखी है। परशुराम पांडे मध्य प्रदेश में रीवा जिले की गुढ़ तहसील के द्वारी गांव के रहने वाले थे।
इस कविता के लेखक मुरारीलाल शर्मा बालबंधु थे।
जन्म - 1893
ग्राम - सिमल टिकरी
जिला - मेरठ, उत्तर प्रदेश
निधन - 4 नवंबर, 1961
brainly.in/question/9186235
#SPJ3