Hindi, asked by dev534332, 2 days ago

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।

प्रस्तुत कथन किसका है​

Answers

Answered by shishir303
3

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।

➲ ये कथन भारतेंदु हरिश्चंद्र का है।

⏩ यह कथन भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा रचित ‘निज भाषा’ कविता की पंक्ति हैं। इस कविता के माध्यम से भारतेंदु हरिश्चंद्र ने निज भाषा यानी हिंदी भाषा के महत्व का वर्णन किया है।

इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि निज भाषा यानी अपनी मातृभाषा से ही उन्नति संभव है, और जीवन में होने वाली सभी उन उन्नतियों का आधार मातृभाषा ही है। मातृभाषा के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं हो सकता।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Answered by gsksvskskba
1

Answer:

be my sister

Explanation:

please mark as brainlist

Similar questions