Hindi, asked by ayush2745, 10 months ago

'निज भाषा उन्नति अहै,सब उन्नति को मूल' इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ​

Answers

Answered by shishir303
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प्रश्न में दी गई पंक्तियाँ हिंदी के कवि भारतेन्दु हरिशचंद्र के दोहे की हैं, जो कि पूर्ण रूप से इस प्रकार होंगी...

निज भाषा उन्नति अहे सब उन्नति को मूल ।

बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिए को शूल ।।

इन पंक्तियों का आशय है कि निज भाषा यानि कि अपनी मातृभाषा में ही अपनी उन्नति संभव है, जीवन में मिलने वाली सारी सफलताओं का आधार अपनी मातृभाषा ही होती है। अपनी मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा को व्यक्त नही किया जा सकता है। अर्थात अपने मन की बात को कहने के लिये अपनी मातृभाषा ही सबसे बेहतर माध्यम होती है।

Answered by mayuridhomne
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Explanation:

भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति

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