Hindi, asked by rupeshsighaniya, 11 hours ago

न जाने, तपक तडित में कौन
मुझे इंगित करता तब मौन ।
देख वसुधा का यौवन भार
गूंज उठता है जब मधुमास,
विधुर उर के-से मृदु उद्गार
कुसुम जब खुल पड़ते सोच्छ्वास
न जाने, सौरभ के मिस कौन
सँदेशा मुझे भेजता मौन ।​

Answers

Answered by bhatiamona
63

न जाने, तपक तडित में कौन

मुझे इंगित करता तब मौन ।

देख वसुधा का यौवन भार

गूंज उठता है जब मधुमास,

विधुर उर के-से मृदु उद्गार

कुसुम जब खुल पड़ते सोच्छ्वास

न जाने, सौरभ के मिस कौन

सँदेशा मुझे भेजता मौन ।​

यह पंक्तियाँ मौन निमंत्रण कविता द्वारा लिखी गई है | यह कविता  सुमित्रानंदन पंत द्वारा लिखी गई है |

कविता में प्रकृति के विभिन्न उत्पादनों के बारे में बताया है |  प्रकृति के कई दृश्यों को मोन निमन्त्रण के भाव को दर्शाया है | वसंत ऋतु में धरती अपनी यौवनावस्था में होती है | वह सौंदर्य-भार से युक्त  होती है | उसकी सुंदरता को देखकर वसंत के भोरें अपनी गुनगुनाहट से अनुगूँज भर देते है | इस ऋतु में फूलों का खिलना ऐसे लगता है जैसे वियोगी के हृदय से कोमल के साथ निकल रहे हो |

Answered by tannu580
0

is ka answer kha hai do please

ok

Similar questions