निजी पत्र क्या होते हैं
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वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र- वैयक्तिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के सम्बन्ध में पारिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य प्रियजनों को लिखा जाता हैं। हम कह सकते हैं कि वैयक्तिक पत्र का आधार व्यक्तिगत सम्बन्ध होता हैं। ये पत्र हृदय की वाणी का प्रतिरूप होते हैं।
निजी पत्रों से आशय उन व्यक्तिगत पत्रों से होता है, जो अपने किसी प्रिय व्यक्ति, मित्र, संबंधी, रिश्तेदार, परिवार आदि को लिखे जाते हैं। इन पत्रों में निजी विचारों की झलक मिलती है। पारिवारिक जीवन से संबंधित बातों की झलक मिलती है। अपने निजी विचार प्रकट होते हैं।
ऐसे पत्र अनौपचारिक पत्र होते हैं। जिनमें किसी औपचारिकता की आवश्यकता नहीं होती। व्यक्ति जिस भाषा शैली में चाहे अपनी सुविधा के अनुसार लिखता है। ऐसे पत्र सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित नहीं किए जाते हैं, क्योंकि यह निजी पत्र होते हैं।
इन पत्रों में हर तरह के विचार प्रकट होते हैं। जैसे प्रेम, स्नेह, क्रोध, पीड़ा, हर्ष, विषाद सभी तरह की मानवीय संवेदनाएं व्यक्ति इन पत्रों के माध्यम से प्रकट करता है।
किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के निजी पत्र जो जनता के लिए प्रेरणा बन सकें, वो सार्वजनिक भी किए जाते हैं।