Accountancy, asked by khileshwariparate442, 2 months ago

निजात पा और
हामनी इन देव
परीक्षा सूची
गहिर
१७.40

शिवानी
रागिनी
PORNO
४००
४.००
अधिकोष अधिविकर्ष
अबदले कति
V200
क्रिया से किया गया) वाइन व्यय
मंदिग्ध अणार्य संचिति
थाहरण: शिवानी
देश
कादेश को अगि दिए
२०३०
१०,०००
२०,०००
अधिकोषाय रोक
२,०००
अधिकार पाया
कपाखरेदी
२,७८,४८०
२.७८,४८०
समायोजनाएं
(0 मार्च २०१९ को शेष स्कंध का मूल्य र ५८,०००।
(a) आदत व्यय - अधिकार शुल्क र १,५०० और मजदूरी र ८००।
१) कर्मचारियों को दिया गया अग्रिम वेतन र २,०००।
M) विविध अधमणों पर र १,००० अशोध्य ऋण का अपलेखन करके ३% दर से अशोध्य एवं सं.क्र.सं. का आयोज
(4) भूमि एवं गवा पर वार्षिक ५% और फर्निचर पर वार्षिक १०% दर से अवक्षषण लगाइए।​

Answers

Answered by amansingh17576
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Answer:

निसर्ग माझा सोबती वनस्पति मराठी - (निसर्ग माज़ा सोबती निबंध मराठी में)

आज के आधुनिक युग में मनुष्य प्रकृति को साधारण और तुच्छ समझता है। क्योंकि प्रकृति चारों तरफ आसानी से उपलब्ध है। और जो आसानी से मिल जाता है उसकी कीमत व्यक्ति के पास नहीं रहती। लेकिन वास्तव में प्रकृति मनुष्य की अत्यंत घनिष्ठ मित्र है और वह सदैव मनुष्य के लिए उपयोगी है। प्रकृति हमारी साथी है उसी तरह जैसे एक सच्चा मित्र हर संकट में हमेशा हमारे साथ होता है।

आज की दुनिया में प्रकृति हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। कई प्रसिद्ध कवियों, लेखकों, चित्रकारों और कलाकारों ने प्रकृति के बारे में कई सुंदर रचनाएँ की हैं। प्रकृति हमारे चारों ओर जल, वायु, वन, पर्वत, नदियाँ, वृक्ष, भूमि, सूर्य, चन्द्रमा, आकाश, समुद्र आदि से बनी है। प्रकृति अनंत रंगों से भरी हुई है जिसने सभी सजीव और निर्जीव चीजों को अपने आलिंगन में समेट लिया है।

वास्तव में प्रकृति हमारी मित्र है। क्योंकि प्रकृति वह शक्ति है जो हमें ब्रह्मांड में सब कुछ देती है। तो यह हमारा भोजन या जीवन हो। प्रकृति में वह शक्ति है जो शरीर से सभी रोगों को दूर करती है। पेड़ों की हरियाली देखने से मानसिक तनाव कम होता है। इसलिए अगर आप कभी तनाव में रहे हैं तो बगीचे में टहलने जाएं। बगीचे में प्रकृति की सुंदरता को देखकर मन को शांति मिलेगी। प्रकृति हमारी भोजन, वस्त्र और आवास की बुनियादी जरूरतों को आसानी से पूरा करती है।

प्रकृति ने हमें खूबसूरत हरियाली दी है। प्रकृति ने हमें ऑक्सीजन दी है। यह ऑक्सीजन हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। ऑक्सीजन के बिना हम कुछ पल ही जीवित रह सकते हैं। मनुष्य को कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और यह ऊर्जा उसे भोजन से मिलती है, और यह भोजन भी प्रकृति द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। प्रकृति ने हमें रहने के लिए जमीन दी है। इस धरती पर बना घर भी प्रकृति में उपलब्ध वस्तुओं से बना है।

प्रकृति न केवल मनुष्य की मित्र है बल्कि पशु-पक्षियों की भी घनिष्ठ मित्र है। क्योंकि वह मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों और पक्षियों के लिए भोजन, वस्त्र और आश्रय प्रदान करता है। हमें प्रकृति के संतुलन को बिगाड़े बिना इसका सदुपयोग करना चाहिए। स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति का भरपूर आनंद लेना आवश्यक है। हमें अपनी प्रकृति पर ध्यान देना चाहिए और उसे स्वच्छ रखना चाहिए। कूड़ा इधर-उधर फेंकने की बजाय कूड़ेदान में ही फेंक देना चाहिए और उसका उचित

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