Hindi, asked by muskanagarwal200994, 2 months ago

नौका कब पार नहीं होती ?​

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Answered by Anonymous
8

Answer:it is a poem

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती — सोहनलाल द्विवेदी कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। चढ़ती दीवारों पर सौ सौ बार फिसलती है। चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है।

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Answered by satishkamboj1974
1

Explanation: कविता

लहरो से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना नहीं अखरता है

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