नाक लगने पर कोई भी सामाजिक सांब्रो क्यों नहीं हो पाया
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उत्तर: सरकारी तंत्र में जार्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह दो तरह की मानसिकता को दर्शाती है। आधुनिक भारत में भी हम इस बात पर सबसे अधिक खुश होते हैं जब इंगलैंड या अमेरिका हमारी पीठ ठोंकता है। हमें लगता है कि हमें हर समय किसी पश्चिम के देश के सर्टिफिकेट की जरूरत है। इस मुद्दे का दूसरा पहलू है कि सरकारी तंत्र में लोग तिल का ताड़ बनाने में माहिर होते हैं।
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