निकालती है पर्वत से मैदानों में बहती है और अंत में मिलकर सागर से एक कहानी कहती है बचपन में छोटी थी पर मैं बड़े वेग में बहती है आंधी तूफान बाग बवंडर सब कुछ कर सकती है मैदानों में आकर मैंने सेवा का संकल्प लिया और बना जैसे भी मुझसे मानव का उपकार किया अंत समय में बचा है जो सागर को उपहार दिया सब कुछ अर्पित करके अपने जीवन को साकार किया| 1) कृति पूर्ण कीजिए पद्यांश में प्रयुक्त प्राकृतिक घटक उत्तर-1) 2) 3) 4) please no spam
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निकालती है पर्वत से मैदानों में बहती है और अंत में मिलकर सागर से एक कहानी कहती है बचपन में छोटी थी पर मैं बड़े वेग में बहती है आंधी तूफान बाग बवंडर सब कुछ कर सकती है मैदानों में आकर मैंने सेवा का संकल्प लिया और बना जैसे भी मुझसे मानव का उपकार किया अंत समय में बचा है जो सागर को उपहार दिया सब कुछ अर्पित करके अपने जीवन को ...
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