Hindi, asked by arpitnayak7879, 4 months ago

ङ) कुरूपता कया विराजते?​

Answers

Answered by harikeshchauhan786
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Explanation:

कदन्नता चोष्णतया विराजते कुरूपता शीलतया विराजते॥

चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को कैसी भी परिस्थिति आ जाए पर अपने धैर्य का त्याग नहीं करना चाहिए। एक निर्धन मनुष्य के पास यदि धीरज है तो उससे बड़ा कुछ नहीं है। गरीबी होने पर भी धीरज होना अति आवश्यक है। धीरज से दरिद्रता भी सुन्दर लगती है।

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