Hindi, asked by heroyoyo, 5 months ago

"नाक तो सिर्फ एक चाहिए थी वह भी बुत के लिए" आश्य स्पस्ट कीजिए । जॉर्ज पंचम की नाक।​

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Answered by jahnavi7978
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Answered by syed2020ashaels
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नाक तो सिर्फ एक चाहिए थी वह भी बुत के लिए" आश्य -

नाक मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्योतक है। यह बात लेखक ने पूरी व्यंग्य रचना में बेहतरीन रूप में उजागर की है। रानी एलिज़ाबेथ अपने पति के साथ शाही दौरे पर आने वाली थी जिसके लिए सरकारी तंत्र उनके स्वागत-सत्कार की तैयारियों में जुटे हुए थे। सरकारी तंत्र को लगता था कि जॉर्ज पंचम की नाक के बिना सारी तैयारियाँ व्यर्थ हैं। भारतीय सरकारी तंत्र ने देश के महान नेताओं और सहासी बच्चों से अधिक महत्व जॉर्ज पंचम की नाक को दिया। जिसके लिए वे स्वयं की धरोवर को भी नुकसान पहुँचाने को तैयार थे। जॉर्ज पंचम की नाक को वे स्वयं की नाक का सवाल मान रहे थे। भारतीय संदर्भ में नाक को इज्जत का प्रतीक माना जाता है। आपने ऐसे मुहावरे भी सुने होंगे जिसमें कहा जाता है- तुमने तो मेरी नाक ही कटवा दी। एक नाक लगवाने के लिए सरकारी तंत्र ने जो भी किया वह 'नाक' की सार्थकता सरकारी तंत्र के लिए उजागर करता है।

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