निक टेंशन के तने की संरचना बनाइए
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तने की आंतरिक संरचना (anatomy of stem and root in hindi) एक बीज पत्री तने की आंतरिक संरचना
monocotyledonous root तने की आंतरिक संरचना (anatomy of stem and root in hindi) एक बीज पत्री तने की आंतरिक संरचना ?
प्ररोह तंत्र या स्तम्भ की उत्पत्ति प्रांकुर से होती है। प्ररोह तंत्र में तना या अक्ष और उसके पाशर्व उपांग जैसे पत्ती और पुष्प शामिल होते है। तना पर्व और पर्व संधियों में विभेदित होता है और प्रत्येक पर्व पर पाशर्व उपांग स्थित होते है।
तने के कुछ विशिष्ट बाह्य आकारिकी और आंतरिक या शारिरिका लक्षण निम्नलिखित प्रकार है –
A. बाह्य आकारिकी लक्षण :-
तने का निर्माण सदैव कलिका से होता है।
तना सामान्यतया ऋणात्मक गुरुत्वानुवर्ती और धनात्मक प्रकाशानुवर्ती होता है।
तने पर पर्व और पर्व सन्धियाँ पायी जाती है।
पर्व सन्धियों पर पत्तियाँ और कलिकाएँ उत्पन्न होती है।
तना प्राय: उधर्व सीधा होता है लेकिन यदा कदा भूमिगत , विसर्पी या लघुकृत होता है।
B. आंतरिक संरचना के लक्षण :-
तने की सबसे बाहरी परत बाह्यत्वचा क्युटिकल द्वारा ढकी रहती है।
बाह्यत्वचा पर उपस्थित रोम बहुकोशिक होते है।
वल्कुट की सबसे आंतरिक परत अंत:त्वचा में प्राय: कैस्पेरी पट्टियाँ अनुपस्थित होती है। इस परत में स्टार्च कण बहुतायत से मिलते है , इसलिए इसे मंड आच्छद कहते है।
तने में संवहन पूल प्राय: संयुक्त और सम्पाशर्विक होते है।
जाइलम सदैव अन्त: आदिदारुक होता है।
शाखाओं की उत्पत्ति बहिर्जात होती है।