Hindi, asked by rohidasdighe10, 6 months ago

नेक दिल लडकी की कहानी​

Answers

Answered by shivanikhanna
2

Answer:

teri jaisi hu

par sidi nahi

lagti hu kafi sarif par

mujhe na dekh thoda uperwale se bhi dar.

aaj kal teri jaise bahot gyi .......

sun sun sun sun sun

ban meri rani , mujhe suna nek dil ki ladki ki kahani....

bas kar .

ab toh ha bol yes kar.

sun ? Follow kar.

Answered by sumitchaurasiya7756
0

STORY

Nek Dil Girl

विद्यालय का समय हो रहा था। घंटी बज गई थी। पहली कक्षा शुरू हो गई थी। अध्यापक ने पढ़ाना शुरू कर दिया। तभी एक लड़की ने दरवाजे पर से आवाज दी- क्या मैं अंदर आ सकती है सर? वह लड़की विद्यालय देर से पहुँची थी अध्यापक ने कोचित नजरों से लड़की को देखा और बोले यह तुम्हारा आने का समय है क्या? तुम्हें समय का महत्व नही पता, ना ही तुम अनुशासन का पालन करना जानती हो । यह विद्यालय है, यहां पर समय और अनुशासन से रहना अनिवार्य है। तुम्हारे इस देर से आने के लिए तुम्हें सजा मिलेगी। जाओ और अपनी बेंच पर जाकर खड़ी हो जाओ। लड़की चुपचाप रही। वो मौन थी, उसने कुछ नहीं बोला और वह चुपचाप जाकर अपनी बेंच पर खड़ी हो गई।

पीरियड समाप्त हो गया। अध्यापक ने उससे बेंच पर उतरने बैठने के लिए कहा और कक्षा से चले गए। फिर अगला पीरियड शुरू हो गया। दोपहर हुई विद्यालय के खत्म होने का समय हो गया सब अपने घर चले गये। वह लड़की पूरे दिन मौन रही थी।

अगले दिन हुई वो ही अध्यापक सुबह-सुबह अपने घर पर समाचार पत्र पढ़ रहे थे। तभी उनकी नजर मुखपृष्ठ पर एक छोटे से कोने पर पड़ी। जहां पर एक समाचार लिखा था और उस लड़की का चित्र छपा था, जिसको कल उन्होंने कक्षा में देर से आने पर डांटा था।

उस लड़की का नाम मोनिका था। समाचार में लिखा था कि सड़क पर एक घायल वृद्ध पड़े थे। कोई गाड़ी उन्हें टक्कर मार कर चली गई थी। मोनिका ने बड़ी मुश्किल से जैसे-तैसे अकेले उस वृद्ध को समय पर अस्पताल पहुंचाया, जिससे उस वृद्ध जान बच गई। अगर मोनिका समय पर उनको अस्पताल नहीं पहुंच आती तो उस वृद्ध की जान जा सकती थी।

उस समाचार में मोनिका के इस सराहनीय कार्य के लिए प्रशंसा लिखी गई थी। तभी अध्यापक को ध्यान आया कि समाचार में जिस समय का वर्णन है, ये वही समय था जब मोनिका देर से आई थी। उन्हें सब समझ में आ गया कि इसी घटना के कारण मोनिका देर से आई थी। उन्हें बड़ा अफसोस हुआ कि उन्होंने इतना अच्छा कार्य करने वाली लड़की को डांटा। विद्यालय आकर उन्होंने सब लोगों को ये बात बताई और सब लोगों ने मोनिका के सराहनीय कार्य की प्रशंसा की।

मोनिका के विद्यालय आने पर सबने उसका फूलों से स्वागत किया और कहा कि तुमने हमारे विद्यालय को गौरवान्वित किया है, जहाँ तुम जैसे बच्चे पढ़ते हैं।

सीख - इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है, कि हमें रास्ते में किसी मुसीबत में फँसे व्यक्ति की मदद जरूर करनी चाहिये। यही सच्ची मानवता है।

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