Hindi, asked by atulvermaatulverma10, 3 months ago

नौकरशाही की बुनियादी विशेषताएं क्या है​

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Answered by varshapanjeta735
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Explanation:

नौकरशाही की विशेषताएं

कार्यों का तर्कपूर्ण विभाजन - नौकरशाही में प्रत्येक पद पर योग्य व्यक्ति को ही बिठाया जाता है ताकि वह अपने कार्यों व लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सके। अपने कार्यों को पूरा करने के लिए उसे कानूनी सत्ता प्रदान की जाती है। उसे अपने कार्यों को पूरा करने के लिए अपनी सत्ता का पूर्ण प्रयोग करने की छूट होती है।

तकनीकी विशेषज्ञता - नौकरशाही का जन्म ही तकनीकी आवश्यकता के कारण होता है। नौकरशाही में प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने कार्यों में दक्ष होता है। तकनीकी दक्षता के अनुसार ही प्रत्येक व्यक्ति को अलग-अलग कार्य सौंपे जाते हैं। 

कानूनी सत्ता - प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्यों के निष्पादन के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को कानूनी शक्ति का प्रयोग करने की स्वतन्त्रता होती है। 

पद-सोपान का सिद्धान्त - नौकरशाही में कार्यों के निष्पादन व प्रकृति के अनुसार कर्मचारियों के कई स्तर बना दिए जाते हैं। सबसे ऊपर महत्वपूर्ण अधिकारी होते हैं। कर्मचारी वर्ग सबसे निम्न स्तर पर होता है। इस सिद्धान्त के द्वारा सभी को ‘आदेश की एकता’ के सूत्र में बांधा जाता है। 

कानूनी रूप से कार्यों का संचालन - नौकरशााही में सरकारी अधिकारी कानून व नियमों की मर्यादा में ही अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हैं। इससे प्रशासन में कठोरता आ जाती है। नौकरशाही का संचालन ‘कानून के शासन’ के द्वारा ही होता है। इसलिए उन्हें कानूनी सीमाओं में बंधकर ही अपना कार्य करना पड़ता है। इससे प्रशासन में लोचहीनता भी पैदा हो जाती है। 

राजनीतिक तटस्थता - नौकरशाही में राजनीतिक तटस्थता का महत्वपूर्ण गुण पाया जाता है। इसमें अधिकारियों को राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं होते। प्रशासनिक अधिकारियों को मत देने का तो अधिकार प्राप्त होता है, लेकिन सक्रिय राजनीतिक सहभागिता से बचना पड़ता है। 

योग्यता-प्रणाली - नौकरशाही में प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों का चयन योग्यता के आधार पर होता है, सिफारिश के आधार पर नहीं। उनकी नियुक्ति के लिए निश्चित योग्यताएं रखी जाती हैं और प्रतियोगिता परीक्षाओं का संचालन एक उच्च सेवा आयोग के माध्यम से होता है। 

निश्चित वेतन तथा भत्ते - नौकरशाही के अन्तर्गत सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को निश्चित वेतन व भत्ते मिलते हैं। नौकरी से रिटायर होने के बाद पैंशन का भी प्रावधान है।

पदोन्नति के अवसर - नौकरशाही में सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को अपनी योग्यता व प्रतिभा विकसित करने के पूरे अवसर प्राप्त होते हैं। इसमें लोकसेवकों को परिश्रम व मेहनत के बल पर अपना पद विकसित करने के पूरे अवसर मिलते हैं। 

निष्पक्षता - नौकरशाही में लोकसेवकों को अपना कार्य बिना भेदभाव के करना पड़ता है। उनकी दृष्टि में सभी लोग चाहे वे अधिक प्रभावशाली हों या कम, बराबर होते हैं।

व्यवसायिक वर्ग - नौकरशाही में लोकसेवकों का वर्ग एक व्यवसायिक वर्ग होता है। वह अपने कार्यों का निष्पादन जन सेवा के लिए न करके व्यवसाय समझकर ही करता है। 

लालफीताशाही - नौकरशाही में आवश्यकता से अधिक औपचारिकता को अपनाया जाता है। इससे प्रशासनिक निर्णयों में देरी होती है और इसी कारण नौकरशाही को बदनामी सहनी पड़ती है। इसमें अनौपचारिक सम्बन्धों का कोई स्थान नहीं होता। समस्त कार्य नियमानुसार परम्परा के अनुसार ही किया जाता है। इसमें कार्य-अनुशासन पर अधिक जोर देने के कारण लाल-फीताशाही को बढ़ावा मिलता है।

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