ङ कविता का मूलभाव/प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए
भाव स्पष्ट कीजिए-
क. ज्ञानी बुद्ध प्रेम बिन सूखे, सारे देव भक्ति के भूखे
ख. जाकी रही भावना जैसी, मूरत देखी तिन्ह तैसी हो
ग. माँ तुम बिलकुल माँ जैसी हो।
मझिए
करण संबोध
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