Hindi, asked by yash5989, 3 months ago

निखिल को सब बात-बात पर 'पगला कहीं का' क्यों कहते थे?​

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Answered by udaypratap046
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Answer:

Explanation:

पगला कहीं का" दादी ने प्यार भरी नजरों से निखिल को देखा। कितना अंतर है दोनों भाइयों में। एक ही माता-पिता की संतान, एक से वातावरण में पले-बढ़े, एक सी सुविधाएं, एक सी परवरिश, पर दोनों ऐसे जैसे दो विपरीत ध्रुव हों। निखिल को तो मानो बड़ों की सेवा करने का जुनून है। हर समय बड़े-बूढ़ों की सुविधा की चिंता करेगा। दादी का चमेली का तेल खत्म तो नहीं हो गया? दादाजी को चूरन पसन्द है। बड़ी बुआ के चश्मे का नम्बर तो नहीं बदल गया? उन्हें लगातार पढ़ने के बाद सिर में दर्द क्यों होने लगता है? मंदिर के पंडित जी की दवा लेकर आनी है, पड़ोस की शर्मा आंटी फिसल गईं थीं उनका बाजार का सामान लाना है... आदि...आदि। वहीं अखिल है बिल्कुल उल्टी मति का। दादी के चमेली के तेल से उसे बदबू आती है, तो दादा जी के चूरन खाने की आदत उसे नहीं सुहाती है। बड़ी बुआ के चश्मों से घूरती आंखें उसके सिर में दर्द करने लगती हैं। "होंगी प्रोफेसर अपने विद्यार्थियों की। पढ़-लिखकर प्रोफेसर बनना ही सूझा। प्रोफेसरी के चक्कर में शादी भी नहीं की। घर में भी प्रोफेसरपना लेकर चली आती हैं।" अखिल सेाचता। "ये करो, वो करो, यहां से किताबें लाओ, नोट्स बनाओ, समय पर काम करो"... बस उपदेश ही उपदेश। पर निखिल का वक्त बरबाद करना उन्हें नजर नहीं आता। उन्हें क्या, किसी को भी नजर नहीं आता। दादी को जरा भी विश्वास नहीं होता कि अखिल और निखिल सचमुच में जुड़वा भाई हैं। शक्ल-सूरत में एक से पर स्वभाव में बिल्कुल उल्टे। इसके बावजूद भी उनकी आपस में इतनी पटती है कि कुछ कहना नहीं। दोनों जान छिड़कते हैं एक-दूसरे पर। बड़ी बुआ तो इन दोनों को मैग्नेट (चुम्बक) कहकर बुलाती हैं-उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की तरह एक-दूसरे से विपरीत पर आपस में एक-दूसरे से ऐसे जुड़ जाते हैं जैसे एक जान हों। ...और बड़ी बुआ... दोनों पर ही जान छिड़कती हैं। उन्होंने ही अपनी ममता के आंचल में दोनों को समेट कर भरपूर प्यार दिया और कभी भी मां की कमी महसूस नहीं होने दी।

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