'नाखून पशुता का प्रतीक है, जितनी बार भी काट दो वो मरना नहीं जानती', इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। १२
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नाखून पशुता का प्रतीक है, जितनी बार भी काट दो वो मरना नहीं जानती', इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
नाखून पशुता का प्रतीक है, कितना भी काट दो, वह मरना नहीं चाहती क्योंकि पशु जो भी शिकार करते हैं, वह अपने नाखूनों के माध्यम से ही करते है।
व्याख्या :
लेखक के अनुसार मनुष्य भी पहले नाखूनों के माध्यम से शिकार करता होगा। उसके अंदर कि वह पशुता अभी भी व्याप्त है इसीलिए वह अपने नाखून काटता है तो भी वह नाखून बढ़ जाते हैं। इसलिए उसके अंदर की पशुता भी नहीं मरती। यही कारण है नाखून पशुता के प्रतीक हैं ने कितना भी काटो और पशुता नहीं मरती।
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