नीलांबर परिधान हरित पट पर सुंदर
सूर्य चंद्र युग मुकुट मेखला रत्नाकर है
नदियां प्रेम प्रभाव फूल तारे मंडल हैं
बंदी जन ख वृद सिहासन है
करते अभिषेक पयोद है बलिहारी इस देश की
हे मातृभूमि तू सत्य ही सगुण मूर्ति सरवेश की
जिस की रज में लोट लोट कर बड़े हुए हैं
घुटनों के बल सरक सरक कर खड़े हुए हैं
परमहंस सम बाल्यकाल में सब सुख पाए
जिसके कारण धूल भरे हीरे कहलाए
हम खेले कूदे हर्षित जिसकी प्यारी गोद में
है मातृभूमि तुझको निरख मग्न बया का हो मोद में
Answers
Answered by
1
Answer:
I AM DISHA PLZ SEARCH ON GOOGLE
Similar questions
English,
3 months ago
Biology,
7 months ago
Biology,
7 months ago
Math,
11 months ago
Social Sciences,
11 months ago