CBSE BOARD XII, asked by ssagar143136, 5 months ago

न लीजिए।
भारत के विभाजन के बीच गाधीनी ने साम्प्रमायिक सदभाव के
नए अपना दृढ़ विश्वास दिखाया।
की उदाहरणों सहित
पष्ट नीलिए
इस कथन
T
1856 में अंगाल ले अवश्य पर करना क्यों किया ? किस बहाने
को लेकर उन्होंने कक्ष्या क्रिया व्याया कीलिए।
खण्ड:ग
वि
पवी शताब्दी में साँची स्तूप,
किस प्रकार की संरक्षण नीति सफलता
के बीते जागते हैं? व्याख्या कीजिए। अमरावती के स्तूपों​

Answers

Answered by shraddhadeshwali
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Explanation:

भारत का विभाजन एक जटिल मामला है जिसके लिए किसी एक व्यक्ति को ज़िम्मेदार ठहराना नासमझी है. इसमें मुस्लिम लीग, हिंदू महासभा, कांग्रेस और ब्रितानी शासन, सबकी भूमिका है. किसकी कम, किसकी ज़्यादा, इस पर बहस की बहुत गुंजाइश है.

ये सच है कि मुस्लिम लीग ने अलग देश की माँग की थी और उनकी ये माँग पूरी हो गई, यही वजह है कि विभाजन का पूरा दोष मुसलमानों पर डाल दिया गया, लेकिन ऐसा नहीं है सभी मुसलमान विभाजन के पक्ष में थे या केवल मुसलमान ही इसके लिए ज़िम्मेदार थे.

मौलाना आज़ाद और ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान विभाजन के सबसे बड़े विरोधी थे और उन्होंने इसके ख़िलाफ़ पुरज़ोर तरीक़े से आवाज़ उठाई थी, लेकिन उनके अलावा इमारत-ए-शरिया के मौलाना सज्जाद, मौलाना हाफ़िज़-उर-रहमान, तुफ़ैल अहमद मंगलौरी जैसे कई और लोग थे जिन्होंने बहुत सक्रियता के साथ मुस्लिम लीग की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था.

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