नालाखत पाठत पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
पद्यांश क्र. 2 (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 1)
क्या ही स्वच्छ चाँदनी है यह,
है क्या ही निस्तब्ध निशा।
है स्वच्छंद-सुमंद गंध वह
निरानंद है कौन दिशा?
बंद नहीं, अब भी चलते हैं
नियति नटी के कार्य-कलाप।
पर कितने एकांत भाव से
कितने शांत और चुपचाप।।
नाकलन)
। पूर्ण कीजिए :
कवि की कल्पना में हैं-
चाँदनी
रात्रि-
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yeah
never judge a book by it's cover
if you want to success in life don't look at back
I love you bro I hope that you always be
success in your life and lovely india
mark me as brainliest one ❤️
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