Hindi, asked by royalhimanshu500, 1 month ago

नीलाम्बर परिधान हरित पट सुन्दर है, सूर्य-चन्द्र युग मुकुट, मेखला, रत्नाकर है। नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारे मण्डन हैं, बन्दी विविध विहंग, शेषफन सिंहासन है। करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की। हे मातृभूमि तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की । मृतक समान अशक्त विवश ऑबों को मीचे, गिरता हुआ विलोक गर्भ से हमको नीचे। करके जिसने कृपा हमें अवलम्ब दिया था, , लेकर अपने अतुल अंग में त्राण किया था। जो जननी का भी सर्वदा श्रीपालन करतीही। तू क्यों न हमारी पूज्य हो, मातृभूमि मातामही ।।
इन पंक्तियों का संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए।​

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Answered by arpitkumar2058
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