नीले नभ की सीमा पाने,
लाल किरण-सी चोंच खोल
चुगते तारक अनार के दाने।
(क) प्रस्तुत पंक्तियों के कवि का नाम लिखें।
(ख) प्रस्तुत पंक्तियों की कविता का नाम लिखें।
(ग) पक्षियों के क्या अरमान थे?
(घ) पक्षी अपनी चोंच से कौन -से दाने चुगना चाहते हैं?
(ड) तुकबंद शब्द का एक युग्म लिखिए।
प्रश्न-8.निम्न प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में लिखिए।
(1) 'दादी माँ"शीर्षक कहानी के लेखक कौन हैं?
(2) लेखक के बड़े भाई का क्या नाम था?
(3) लेखक ने हिमालय की बेटियाँ किसे पुकारा है?
(4) नदियों को लोकमाता किसने कहा है?
(5) पक्षी के पिंजरे की तीलियाँ किस धातु की बनी हुई बता
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Answers
Answer:
dimag he computer nahi!xd ek ek karke pucho
Explanation:
1) दादी माँ शीर्षक कहानी के लेखक शिव प्रसाद सिंह जी हैं। इस कहानी में शिव प्रसाद सिंह जी ने अपनी दादी का वर्णन करा है।
2) लेखक के बड़े भाई का नाम किशन था। लेखक को अपनी दादी से बड़ा लगाव था। जब उन्हें दादी माँ की मृत्यु का समाचार मिला तो उन्हें पहले के दिनों की स्मृति हो आई।
3) लेखक नदियों को माँ मानने की परपंरा से पहले इन नदियों को स्त्री के सभी रूपों में देखता है जिसमें वह उसे बेटी के समान प्रतीत होती हैं। जिसप्रकार माँ से बेटियां उत्पन्न होती है, ठीक उसी प्रकार हिमालय से सारी नदियां निकलती है। इसलिए लेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियां कहाँ है I
4) काका कालेकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।
5) पिंजरे की तिलियां लोहे की बनी हुई होती है। इन पिंजरे में पक्षियों को कैद करके रखा जाता है। पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदे से बेहतर नीम की निंबोली होती है। पिंजरे में पंच या उड़ना भूल जाती है। उन्हें आजादी का कोई हक नहीं होता।
#SPJ3