नीलकंठ , महादेवी वर्मा द्वारा लिखा हुआ कहानी में ‘नीलकं ठ’ संस्मरण के आधार पर बताइए कक ‘नीलकं ठ’ में ऐसे कौन- से गुण थे, जिन्हें अपनाकर एक
उत्कृष्ट समाि की रचना हो सकती है ।
Answers
इस कहानी में लेखिका ने मोर और मोरनी का मार्मिक वर्णन किया है। लेखिका एक बार चिड़िया बेचने वाले से मोर के दो चूजे लेकर आती हैं और उन्हें अपने घर के अहाते में बने मिनी चिड़ियाघर में रख देती हैं। समय बीतने के बाद दोनों चूजे बड़े हो जाते हैं; एक मोर और दूसरी मोरनी। मोर अपने रंग बिरंगे चटखीले पंखों के कारण अत्यंत सुंदर दिखता है लेकिन मोरनी अपने सादे पंखों के बावजूद भी नजाकत और सुंदरता की मिसाल होती है। मोर अब पूरे चिड़ियाघर के सभी पशु पक्षियों का संरक्षक बन चुका है। वह मौका पड़ने पर उन्हें दंडित भी करता है और उनकी सुरक्षा भी करता है। मोर अपने नृत्य से सबको मंत्र मुग्ध कर देता है जिससे लेखिका के यहाँ पहुँचने वाले अतिथि भी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
फिर एक दिन लेखिका उसी चिड़िया बेचने वाले से एक मोरनी खरीदकर लाती हैं जो थोड़ी घायल है। कुछ उपचार के बाद जब मोरनी ठीक हो जाती है तो वह मोर पर अपना अधिकार जताना शुरु करती है। इस चक्कर में वह पहले से रहने वाली मोरनी को चोंच मारकर परेशान भी कर देती है। एक दिन वह पुरानी मोरनी के अंडों को फोड़ देती है। इससे मोर इतना आहत होता है कि वह खाना पीना बंद कर देता है और अंत में उसकी मृत्यु हो जाती है। उसके वियोग में नई मोरनी भी कुछ दिनों बाद इस दुनिया को छोड़ देती है। अब पुरानी मोरनी अपने प्यारे मोर की विरह में इधर उधर भटकती रहती है और अपनी आर्तनाद से उसे पुकारा करती है।
उत्तर
लेखिका को यह बात बहुत अच्छी लगती थी जब नीलकंठ उनके सामने आकर अपने नृत्य का प्रदर्शन करता था। जब नीलकंठ बड़ी कोमलता से लेखिका हाथों से दाना चुगता था तब भी लेखिका को बहुत अच्छा लगता था।
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