Hindi, asked by nikhil7824, 11 months ago

नीलकंठ पाठ का सारांश​

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Answered by divyanshgaur49
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Answer:

गढ़वाल, उत्तरांचल में हिमालय पर्वतों के तल में बसा ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल है। नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश के सबसे पूज्य मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण किया गया था। उसी समय उनकी पत्नी, पार्वती ने उनका गला दबाया जिससे कि विष उनके पेट तक नहीं पहुंचे। इस तरह, विष उनके गले में बना रहा। विषपान के बाद विष के प्रभाव से उनका गला नीला पड़ गया था। गला नीला पड़ने के कारण ही उन्हें नीलकंठ नाम से जाना गया था। अत्यन्त प्रभावशाली यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर परिसर में पानी का एक झरना है जहाँ भक्तगण मंदिर के दर्शन करने से पहले स्नान करते हैं।

स्थिति

नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश से लगभग 5500 फीट की ऊँचाई पर स्वर्ग आश्रम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मुनी की रेती से नीलकंठ महादेव मंदिर सड़क मार्ग से 50 किलोमिटर और नाव द्वारा गंगा पार करने पर 25 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है।

विशेषता

नीलकंठ महादेव मंदिर की नक़्क़ाशी देखते ही बनती है। अत्यन्त मनोहारी मंदिर शिखर के तल पर समुद्र मंथन के दृश्य को चित्रित किया गया है और गर्भ गृह के प्रवेश-द्वार पर एक विशाल पेंटिंग में भगवान शिव को विष पीते हुए भी दिखलाया गया है। सामने की पहाड़ी पर शिव की पत्नी, पार्वती जी का मंदिर है।

Answered by XxCharmingGuyxX
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Explanation:

नीलकंठ नामक प्रस्तुत रेखा चित्र में महादेवी वर्मा ने अपने पालतू मोड़ के मीठे कड़वे अनुभवों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया है इस पाठ के माध्यम से लेखिका के जीव जंतुओं के प्रति अथाह प्रेम और सहानुभूति की परिचय प्राप्त होता है नीलकंठ सहित उसके सभी साथियों के रूप स्वभाव व्यवहार और शेष ठेका लेखिका ने जितनी गहनता और सुष्मिता से निरीक्षण तथा वर्णन क्या है उससे यह रेखा चित्र अत्यंत जीवंत बन गया है

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