Hindi, asked by tkkarthikape2jlw, 1 year ago

निम्िलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्िों के उत्तर र्दीजिए। (2X5=10)
राष्ट्रीर् एकता एक प्रबल शजतत है। र्ह वीरता और बललदान के कार्ों को बढावा देती है और
िनता में आत्मववश्वास उत्पन्न करती है। र्ह देशवालसर्ों को उन्ननत के पथ पर आगे बढने की
प्रेरणा देती है। संसार के लोगों ने राष्ट्रीर् एकता की भावना से प्रेररत होकर अपूवय उन्ननत की है।
राष्ट्रीर् एकता िनता को व्र्जतत और समाि दोनों रूपों में प्रोत्साहन और प्रेरणा देती है। िब
महात्मा गााँधी ने असहर्ोग आंदोलन आरंभ ककर्ा तो समूचा राष्ट्र एक भावना से गााँधी के साथ
हो ललर्ा। एकता और सघं िन की भावना िागतृ करनेके ललए उन्होंंंनेनगरीर् और ग्रामीण क्षेत्रों
पर आधाररत अनेक रचनात्मक कार्यक्रम आरंभ ककए। आजादी के बाद समस्त भारत भावनात्मक
एकता के सूत्र में बाँधा है। चीनी अनतक्रमण इसका िीता-िागता प्रमाण प्रस्तुत करता है। इस
कठिन समर् में भारतवालसर्ों की भावनात्मक एकता एकदम व्र्ावहाररक एकता में पररवनतयत हो
गई और आक्रांत चीन की चनु ौती का पूरे राष्ट्र ने ललकार से साथ उत्तर ठदर्ा। इस समर् हमारे
देश को उसी प्रकार की भावनात्मक एकता की आवश्र्कता है।
प्रश्न -
(क) राष्ट्रीर् एकता देशवालसर्ों के ललए तर्ा प्रेरणा देती है ?
(ख) राष्ट्रीर् एकता िनता को ककन-ककन रूपों में प्रोत्साठहत और प्रेरणा देती है ?

(ग) गााँधी िी ने ककस भावना को िागतृ करने के ललए रचनात्मक कार्यक्रम आरंभ ककए ?
(घ) ककसके बल पर भारतवालसर्ों ने चीनी आक्रमण का सामना ककर्ा ?
(ङ) वतयमान समर् में देश को ककस प्रकार की एकता की आवश्र्कता है ?

Answers

Answered by anjalikumawat71
10
(क) राष्ट्रीय एकता देशवासियों को उन्नत पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

(ख) राष्ट्रीय एकता हीनता को वज्रतत और सीमा दोनो रूपों में प्रोत्साहन और प्रेरणा देती हैं।

(ग) गाँधी जी ने एकता और संघ रहित की भावना को जाग्रत करने के लिए रचनात्मक कार्य आरम्भ किए।

(घ) राष्ट्रीय एकता के बल पर भारतवासियों ने चीनी आक्रमण का सामना किया ।

(ड) वर्तमान समय मे देश को राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता हैं।
Answered by cistheta16
0

राष्ट्रीर् एकता एक प्रबल शजतत है। र्ह वीरता और बललदान के कार्ों को बढावा देती है और

िनता में आत्मववश्वास उत्पन्न करती है। र्ह देशवालसर्ों को उन्ननत के पथ पर आगे बढने की

प्रेरणा देती है। संसार के लोगों ने राष्ट्रीर् एकता की भावना से प्रेररत होकर अपूवय उन्ननत की है।

राष्ट्रीर् एकता िनता को व्र्जतत और समाि दोनों रूपों में प्रोत्साहन और प्रेरणा देती है। िब

महात्मा गााँधी ने असहर्ोग आंदोलन आरंभ ककर्ा तो समूचा राष्ट्र एक भावना से गााँधी के साथ

हो ललर्ा। एकता और सघं िन की भावना िागतृ करनेके ललए उन्होंंंनेनगरीर् और ग्रामीण क्षेत्रों

पर आधाररत अनेक रचनात्मक कार्यक्रम आरंभ ककए। आजादी के बाद समस्त भारत भावनात्मक

एकता के सूत्र में बाँधा है। चीनी अनतक्रमण इसका िीता-िागता प्रमाण प्रस्तुत करता है। इस

कठिन समर् में भारतवालसर्ों की भावनात्मक एकता एकदम व्र्ावहाररक एकता में पररवनतयत हो

गई और आक्रांत चीन की चनु ौती का पूरे राष्ट्र ने ललकार से साथ उत्तर ठदर्ा। इस समर् हमारे

देश को उसी प्रकार की भावनात्मक एकता की आवश्र्कता है।

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