निम्िललखखत कावयािंश को पढ़कर पछू े र्ए प्रश्िों के उत्तर दीक्जए |
पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँ गा म,ैं
अपने नव जीवन का अमतृ सहर्ष सींच दूँग ा मैं|
द्वार ददखा दूँग ा फिर उनको
हैं मेरे वे जहाूँ अनंत –
अभी न होगा मेरा अंत ||
(क) कवव पष्ुपों से क्या खींच लेना चाहता हैं?
उत्तर____________________________________________________________________________________
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(ख) कवव अपने जीवन के माध्यम से दस रों तक खुशशयाूँ िै लाने की कामना क्यों करते हैं ?
उत्तर____________________________________________________________________________________
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(र्) ‘द्वार ददखा दूँग ा फिर उनको’ इस पंक्क्त में कवव फकसको संबोधित कर रहे है ?
उत्तर____________________________________________________________________________________
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(घ) ‘अििंत’ शब्द का अर्ष शलखखए |
उत्तर __________________________________
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1st answer वन कवि के जीवन रूपी उपवन का और निद्रित कलियाँ-आलस्य में डूबे हुए नवयुवकों का प्रतीक है। ... अपने स्पर्श से पुष्पों की नींद भरी आँखों से आलस्य छीन लेना चाहता है, यानी कवि उनका आलस्य दूर कर उन्हें चुस्त और जागरूक बनाना चाहता है।
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