Business Studies, asked by nevidewangan2004, 6 months ago

नाम मात्र साझेदार को संक्षिप्त में समझाइए​

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Answered by adityanarayansingh32
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भागीदारी या साझेदारी (partnership) व्यावसायिक संगठन का एक स व्यक्तियों का पारस्परिक संबंध है, जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से एक व्यावसायिक उद्यम का गठन किया जाता है। वे व्यक्ति जो एक साथ मिलकर व्यवसाय करते है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से ‘साझेदारी’ (पार्टनरशिप) और सामूहिक रूप से ‘फर्म’ कहा जाता है। जिस नाम से व्यवसाय किया जाता है उसे ‘फर्म का नाम’ कहते हैं। सुलतान एंड कंपनी, रामलाल एंड कंपनी, गुप्ता एंड कंपनी आदि कुछ फर्मों के नाम हैं।

साझेदारी फर्म, भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 के प्रावधनों के अंतर्गत नियंत्रित होती है। भारतीय साझेदारी अधिनियम, 1932 की धरा 4 के अनुसार साझेदारी उन व्यक्तियों का आपसी संबंध है, जो उन सबके द्वारा या उन सबकी ओर से किसी एक साझेदार द्वारा संचालित व्यवसाय का लाभ आपस में बांटने के लिए सहमत होते हैं।

चूंकि एकल स्वामित्व व्यवसायिक संगठन की कुछ सीमाएं होती हैं; इसके वित्तीय और प्रबंधकीय संसाधन बहुत सीमित होते हैं तथा एक निश्चित सीमा से आगे इस व्यवसाय का विस्तार करना भी संभव नहीं है। एकल स्वामित्व व्यावसायिक संगठन की इन्हीं सीमाओं से निपटने के लिए साझेदारी व्यवसाय अस्तित्व में आया है।

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