निम्न गद्यांश के आधार पर बहुविकल्पी प्रश्नों के सही उत्तर का चुनाव करें लंबे सफर पर निकलते हुए घर मानो घेर लेता है और उससे लौटते हुए घर मानो खींच लेता है। फूल की तरह सुबह को घर खिलते है और संदूक की तरह रात में बंद हो जाते हैं। आराम है, तो घर में; बीमारी है, तो घर में । रोजगार करते हैं, तो घर के लिए; बाहर दौडते है, तो घर के लिए। आदमी की पहचान भी घर है। पति है, तो वह घरवाला है; स्त्री है, तो वह घरवाली है। तबीयत खराब है, तो घर में; नाराज है , तो घर के लोग्। चर्चा चलती है, घर-घर निंदा होती है, तो घर-घर पूछते हैं- तुम्हारा घर कहाँ है? लोग कहते हैं – अब तो घर कर लो।निठल्ले हैं, तो घर बैठे हैं, काम-काजी हैं,तो घर भरने में लगे हैं। लोगों को घर-बार से फुरसत ही नहीं मिलती। फिर जितना बडा घर, उतनी बडी बातें। अपने घर की कौन कहेगा? घर तो बँधता ही है, लेकिन घर से सब बँधे रहते हैं। घर की फूट बुरी होती है और घर फोडने की बात अच्छी नही होती, फिर भी घर फूँक कर तमाशा देखने वाले भी घर में ही रहते हैं। मालूम नहीं, सबसे पहले घर किसने बनाया था और क्यों बनाया था? मैं तो समझता हूँ कि घर बनाने वाला पहला आदमी स्वर्ग और नरक दोनो देखकर दुनिया में आया होगा, मगर शायद नही।घर बना ,तो स्वर्ग भी बन गया और घर बिगडा , तो नरक भी बन गया।प्यार-दुलार एकता है तो घर स्वर्ग्। वैर-अविचार , फूट और झगडा है, तो घर नरक है। i) घर नरक कब बन जाता है? *
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अगर घर में वैर अविचार, फूट और झगड़ा है तो घर नरक हो जाता है
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