निम्न गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए जिन्होंने अपने मुख भाषा में सलाह की एक दूसरे को कनखियों से देखा और लेट गए
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संदर्भ :- यह गद्यांश प्रेमचंद द्वारा लिखित "दो बैलो की कथा" से लिया गया है | इसमें झूरी के दोनो बैल हीरा और मोती जो घनिष्ठ मित्र थे ,के पारस्परिक संकेत - संवाद का वर्णन है |
प्रसंग :- झूरी अपने बैलों की जोड़ी (एक -हीरा ,दूसरा मोती ) को बहुत प्यार से रखता था |संयोगवश एक बार उसे गोईं (बैलों की जोड़ी )को ससुराल भेजना पड़ा |
व्याख्या :- हीरा मोती को लगा कि उनके मालिक ने उन्हें बेच दिया | वे सोच रहे थे की उनका अपराध क्या था ? उन्हें अपने घर तक ले जाने में गया (झूरी का साला) को पसीना आ गया था |
वस्तुत: हीरा - मोती बड़े बेमन से संध्या समय उसके घर पहुँचे | उदास होने के कारण उन्होंने चारा -पानी कुछ नहीं खाया - पीया | परस्पर मूक भाषा (पशु बोल नहीं सकते पर वे परस्पर एक समझ रखते है ) में सलाह की अर्थात एक दूसरे के इरादे समझ कर आपस में एक - दूसरे को कनखियों अर्थात तिरछी नज़र से देखा और लेट गए | तात्पर्य हैं कि सबके सो जाने पर उनकी भागने की उनकी योजना बन चुकी थी |