Hindi, asked by guddu085kvs, 7 months ago

निम्न गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें व उत्तर दें। (5)

इस संसार में धन ही सब कुछ नहीं है। धन की पूजा तो बहुत कम जगह होती देखी गयी है। संसार का इतिहास उठाकर देखिए व उदाहरण ढूंढ़- ढूंढकर सामने रखिए, तो आपको विदित हो जाएगा कि जिसकी हम उपासना करते हैं, जिनके लिए हम आँखे बिछाने तक को तैयार रहते हैं; जिसकी स्मृति तरोताज़ा रखने के लिए हम अनेक तरह के स्मारक- चिह्न बनाकर खड़े करते हैं। उन्होंने रुपया कमाने में अपना समय नहीं बिताया था, बल्कि उन्होंने कुछ ऐसे काम किये थे जिनकी महत्ता हम रूपयों से अधिक मूल्यवान समझते हैं। जिन लोगों के जीवन का उद्देश्य केवल रुपये बटोरना हैं, उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है। अधिकांश अवस्थाओं में उन्हें किसी ने पूछा तक नहीं है। मानव समाज स्वार्थी अवश्य है, पर वह स्वार्थ की उपासना करना नहीं जानता। अंत में वे ही पूजे जाते हैं , जिन्होने अपने जीवन को अर्पित करते समय सच्चे मनुष्यत्व का परिचय दिया।
प्रश्न (क) संसार में क्या सब कुछ नहीं है? *
पूजा
धन
स्मृति
मानव
(ख) किन लोगों की प्रतिष्ठा कम हुई है? *
जिन लोगों के जीवन का उद्देश्य केवल रुपये बटोरना नहीं हैं।
जिनके लिए हम आँखे बिछाने तक को तैयार रहते हैं।
जिन लोगों के जीवन का उद्देश्य केवल रुपये बटोरना हैं।
किसी की भी नहीं।
(ग) मानव किसकी उपासना करना नहीं जानता? *
स्वार्थ की
प्रतिष्ठा की
धन की
संसार की
(घ) अंत में कौन पूजे जाते है? *
अधिकांश अवस्थाओं में जिन्हें किसी ने पूछा तक नहीं है।
जिन्होने अपने जीवन को अर्पित करते समय सच्चे मनुष्यत्व का परिचय दिया।
मानव समाज
किसी की भी नहीं।
निम्नलिखित में से मुहावरा छांटिए। *
अधिक मूल्यवान
आंखें बिछाना
संसार का इतिहास
धन की पूजा​

Answers

Answered by ashrafalidanish786
7

Answer:

उतर क) धन

ख) जिन लोगो के जीवन का उद्देश्य केवल रुपये बटोरना हैं

ग) सवार्थ की

घ) जिन्होंने अपने जीवन को अर्पित करते समय सच्चे मनुष्यत्व का परिचय दिया

आंखें बिछाना

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