निम्न की परिभाषा दीजिए।
अ. ऐमीनो अम्ल
ब, स्वांगीकरण
घ. पित्ताशय
ड. कृतंक
स. पित्त रस
द. खास धानी
Answers
अ. ऐमीनो अम्ल : वे कार्बनिक यौगिक जिनके अणु में एमीनो (-NH2) एवं कर्बोक्सिलिक (-COOH) दोनों समूह उपस्थित होते है , अमीनो अम्ल कहलाते है। प्रोटीन के जल अपघटन से α अमीनो अम्लों का मिश्रण प्राप्त होता है , अत: α एमिनो अम्ल प्रोटीन की मूल संरचनात्मक इकाई होती है।
ब, स्वांगीकरण:स्वांगीकरण अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से सबंधित उल्लेख है। स्वांगीकरण जन्तुओं के पोषण की पाँच अवस्थाओं में से एक हैं। पचे हुए भोजन का अवशोषण होकर रुधिर में मिलना और फिर कोशिकाओं में मिलकर जीवद्रव्य में आत्मसात हो जाने की क्रिया को स्वांगीकरण कहते हैं। कोशिकाओं के अन्दर इस पचे हुए भोजन के ऑक्सीकरण होने से ऊर्जा उत्पन्न होती है। भोजन की अधिक मात्रा को ग्लाइकोजन अथवा वसा के रूप में शरीर के अन्दर यकृत आदि में भविष्य के उपयोग के लिए संचित कर लिया जाता है।
घ. पित्ताशय:पित्त पथरी, पित्ताशय के अन्दर पित्त अवयवों के संघनन से बना हुआ रवाकृत जमाव होता है। इन पथरियों का निर्माण पित्ताशय के अन्दर होता है लेकिन ये केंद्र से दूर रहते हुए पित्त मार्ग के अन्य भागों में भी पहुंच सकती है जैसे पुटीय नलिका, सामान्य पित्त नलिका, अग्न्याशयीय नलिका या एम्प्युला ऑफ वेटर.
ड. कृतंक:कृतंक दंत (incisors) भोजन को कुतरने तथा काटने का कार्य करते हैं।
स. पित्त रस :पित्ताशय एक खोखला अंग है जो यकृत के अवतल में पित्ताशय खात नामक जगह पर स्थित होता है। वयस्कों में पूर्णतः खिंचे होने पर पित्ताशय लंबाई में लगभग ८ से. मी. व व्यास में ४ से
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