निम्न का संक्षिप्त वर्णन कीजिए-
(क) अनुलेखन
(ख) बहुरूपता
(ग) स्थानांतरण
(घ) जैव सूचना विज्ञान
Answers
(क) अनुलेखन -
mRNA अणु का संश्लेषण आरएनए (RNA)पॉलीमरेस नामक एंजाइम की उपस्थिति में होता है, इस क्रिया में डीएनए का एक खंड सांचे के रूप में प्रयुक्त होता है । यह प्रक्रिया अनुलेखन कहलाती है।
अनुलेखन की प्रक्रिया कोशिका के केंद्रक में , कोशिका चक्र की अंतर अवस्था की G1 तथा G2 उपअवस्थाओं में होती है।
अनुलेखन की प्रक्रिया के लिए निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा होना आवश्यक है :
(1) आरएनए पॉलीमरेस एंजाइम व इससे जुड़ा विशेष सिग्मा कारक।
(2) डीएनए सांचा जिसका अनुलेखन होना है।
(3) चार प्रकार (ATP, GTP, UTP, CTP) के राइबोन्यूक्लियोटाइड ।
(4) धातु आयन ; जैसे - Mg++
(ख) बहुरूपता :
जनन कोशिकाओं में उत्परिवर्तन अनुवांशिक होता है। विकल्पी अनुक्रम विभिनता जिसे सामान्य रूप से डीएनए बहुरूपता कहते हैं, मानव जनसंख्या में 0.01 अधिक आवृत्ति में एक विस्थल में असंगाति मिलने से होती है ।
यदि एक वंशागत उत्परिवर्तन जनसंख्या में उच्च आवृत्ति में मिलता है तो इसे डीएनए बहुरूपता कहते हैं। इसकी संभावना असंकेती या निरर्थक डीएनए अनुक्रमों में अधिक होती है।
(ग) स्थानांतरण :
mRNA में न्यूक्लियोटाइड्स के श्रृंखला के अमीनो अम्लों की पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में बदलने की क्रिया को स्थानांतरण या अनुवादन कहते हैं।
यह निम्नलिखित पदों में पूर्ण होता है -
(1) अमीनो अम्लों का सबसे सक्रियण
(2) tRNA अणुओं से सक्रिय अमीनो अम्ल संलग्न होकर अमीनो ऐसिल का निर्माण करता है
(3) mRNA का राइबोसोम से जुड़ना
(4) पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का समारंभ एवं दीर्घीकरण
(5) पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला का समापन।
(घ) जैव सूचना विज्ञान:
यह जीव विज्ञान का एक नया कार्यक्षेत्र है। इसमें मानव आनुवंशिक आंकड़ों का संग्रह एवं विश्लेषण किया जाता है। जीनोम के अनुवांशिक व भौतिक नक्शे तैयार किए जाते हैं । इसमें डीएनए अनुक्रमों को पंक्तिबद्ध करना आदि सम्मिलित है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
जैव सूचना विज्ञान:
यह जीव विज्ञान का एक नया कार्यक्षेत्र है। इसमें मानव आनुवंशिक आंकड़ों का संग्रह एवं विश्लेषण किया जाता है। जीनोम के अनुवांशिक व भौतिक नक्शे तैयार किए जाते हैं । इसमें डीएनए अनुक्रमों को पंक्तिबद्ध करना आदि सम्मिलित है।