निम्न को समझाइए
(i) तापमापी द्रव के रूप में पारे का उपयोग क्यों किया जाता है?
(ii) द्विधातु पट्टी गर्म करने पर क्यों मुड़ जाती है?
(iii) 100°C पर वाष्प, 100°C के जल से अधिक गंभीर जलन क्यों देती है?
(iv) हम अपने पेय को ठण्डा करने के लिए बर्फ का उपयोग करते हैं और 0°C पर रखे जल का नहीं। क्यों?
Answers
Explanation:
!) सामान्य तापमान दाब पर पारा द्रव रूप में रहता है । इसका वाष्पीकरण ताप उच्च है। तापीय प्रसार सभी द्रव पदार्थ में युक्तिसंगत या कम है । पारा कांच में जल्दी चिपकता नहीं, क्योंकि इसका पृष्टतनाव उच्च होता है । इन्ही सब कारणों से पारा को तापमापी के रूप में उपयोग किया जाता है ।
!!) द्विधातु पट्टी में दो अलग-अलग धातुओं को चिपका कर बना पट्टी होता है । दो अलग-अलग धातुओं का तापी प्रसार नियतांक भिन्न-भिन्न होने की वजह से समान ताप से दोनों धातुओं में अलग-अलग प्रसार होता है । भिन्न प्रसार होने की वजह से द्विधातु पट्टी मुड़ जाती है ।
!!!) 100 डिग्री पर वाष्प में गुप्त ऊष्मा रहता है, जबकि 100 डिग्री पर जल में गुप्त ऊष्मा नहीं होता है। यही वजह है वाष्प से जलन ज्यादा होता है ।
!^) 0 डिग्री पर बर्फ में गुप्त ऊष्मा होता है, जबकि 0 डिग्री पर जल पर गुप्त ऊष्मा नहीं होता है । यही कारण है कि ठंडा करने के लिए बर्फ का उपयोग किया जाता है ।