Hindi, asked by kshitizjaat3527, 1 year ago

निम्नांकित अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा 20 से 30 शब्द है) उठे राष्ट्र तेरे कंधों पर
बढ़े प्रगति के प्रांगण में,
पृथ्वी को रख दिया उठाकर
तूने नभ के आँगन में।
तेरे प्राणों के ज्वारों पर,
लहराते हैं देश सभी
चाहे जिसे इधर कर दे तू
चाहे जिसे उधर क्षण में।
विजय वैजयन्ती फहरी जो
जग के कोने-कोने में,
उनमें तेरा नाम लिखा है।
जीने में बलि होने में।
घहरे रन घनघोर बढ़ी।
सेनाएँ तेरा बल पाकर
स्वर्ण-मुकुट आ गये चरण-तल
तेरे शस्त्र संजोने में।
तेरे बाहुदण्ड में वह बल।
जो केहरि-कटि तोड़ सके
तेरे दृढ़ कंधों में वह बल।
जो गिरि से ले होड़ सके।

Answers

Answered by shishir303
2

पद्यांश के साथ प्रश्न नही दिये गये है, पद्यांश पर आधारित और उनके प्रश्न और उत्तर इस प्रकार होंगे...

उठे राष्ट्र तेरे कंधों पर

बढ़े प्रगति के प्रांगण में,

पृथ्वी को रख दिया उठाकर

तूने नभ के आँगन में।

तेरे प्राणों के ज्वारों पर,

लहराते हैं देश सभी

चाहे जिसे इधर कर दे तू

चाहे जिसे उधर क्षण में।

विजय वैजयन्ती फहरी जो

जग के कोने-कोने में,

उनमें तेरा नाम लिखा है।

जीने में बलि होने में।

घहरे रन घनघोर बढ़ी।

सेनाएँ तेरा बल पाकर

स्वर्ण-मुकुट आ गये चरण-तल

तेरे शस्त्र संजोने में।

तेरे बाहुदण्ड में वह बल।

जो केहरि-कटि तोड़ सके

तेरे दृढ़ कंधों में वह बल।

जो गिरि से ले होड़ सके।

राष्ट्रकुल कंधों पर उठाकर प्रगति की ओर ले जाने में किसका योगदान है?

➲ राष्ट्र को अपने कंधों पर उठाकर प्रगति की ओर ले जाने में उस राष्ट्र के युवाओं का सबसे बड़ा योगदान होता है।

‘उनमें तेरा नाम लिखा है, जीने में बलि होने में।’ का क्या तात्पर्य है?

➲ ‘उसमें तेरा नाम लिखा है, जीने में बलि होने में’ का तात्पर्य यह है कि राष्ट्र की इस संसार में जो विजय पताका लहरा रही है। उस विजय पताका सबसे बड़ा योगदान उस राष्ट्र के युवाओं का है। उन्हीं के कर्म और शौर्य तथा वीरता के कारण ही राष्ट्र की विजय पताका इस संसार में लहराई। इसलिए उस शौर्य गाथा में युवाओं का भी नाम लिखा है जिन्होंने अपने राष्ट्र के हित के लिए अपना सर्वस्व लगा दिया और देश की रक्षा के लिए अपना जीवन अर्पण कर दिया।

युवक की भुजाओं में तथा कंधों की शक्ति के बारे में कवि ने क्या कहा है?

युवक की भुजाओं और कंधों की शक्ति के बारे में कवि ने कहा है कि युवक की भुजा शेर की कमर तोड़ सकती है और उसके कंधे किसी भी पहाड़ से मुकाबला कर सकते हैं।

इस काव्यांश के माध्यम से कवि युवकों को क्या संदेश दे रहा है?

इसका काव्यांश के माध्यम से कवि युवकों को यह संदेश दे रहा है कि वह कायरता, दीनता और भय को त्यागर वीर बने, पराक्रमी बने, शौर्यवान बने, साहसी बने। वह ही ब्रह्म है और चाहे तो पूरा ब्रह्मांड उनके सामने कुछ नहीं इसलिए वह अपनी शक्ति को पहचाकर नींद से जागे और रास्ट्र के निर्माण के कार्य में लग जाये।

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Answered by rajeshkumarmeena588
0

prastut ka byan kisko sambodhit karta hai

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