Hindi, asked by hirwanirudrapratap15, 4 days ago

निम्नांकित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- व्यक्ति तथा समाज का संबंध सापेक्ष कहा जा सकता है क्योंकि एक के अभाव दूसरे की उपस्थिति संभव नहीं। व्यक्ति के स्वत्व की रक्षा के लिए समाज बना है और समाज के अस्तित्व के लिए व्यक्ति की आवश्यकता रहती है। व्यक्ति एक सामाजिक प्राणी है। वह स्वतंत्र और परतंत्र दोनों ही है। जहां तक व्यैक्तिक हितों की रक्षा के लिए निर्मित नियमों का संबंध है ,व्यक्ति परतंत्र ही कहा जाएगा क्योंकि वह कोई ऐसा कार्य करने के लिए स्वच्छंद नहीं, जिसमें अन्य सदस्यों की हानि पहुंचे परंतु अपने और समाज के व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक विकास के क्षेत्र में व्यक्ति पूर्णता स्वतंत्र रहता है। मनुष्य जाति का बर्बरता की स्थिति से निकलकर मानवीय गुणों तथा कला कौशल में वृद्धि करते हुए सभ्य और सुसंस्कृत होते जाना ही उसका विकास है। व्यक्ति जब वैयक्तिक हानि- लाभ को केंद्र बिंदु बनाकर अपने सार्वजनिक उपयोगिता को भूलने लगता है तब समाज की व्यवस्था और उसके सामूहिक विकास में बाधा पहुंचने लगती है।
प्रश्न 1 समाज का निर्माण किसके लिए हुआ है?
व्यक्ति के हित के लिए
व्यक्ति की रक्षा के लिए
व्यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए
भेद-भाव का विरोध करने के लिए

2 व्यक्ति को किसी को किस रूप में स्वतंत्र नहीं कहा जा सकता ?
दूसरों को कष्ट पहुंचाने में
दूसरों का दुख बांटने में
दूसरों पर दया दिखाने में
दूसरों की सहायता करने

3 समाज की व्यवस्था और उसके सामूहिक विकास में बाधा पहुंचने लगती है ,
जब मानव- जब मानव अपने स्वार्थ को सर्वोपरि समझता है
अपने नुकसान फायदे के कारण सार्वजनिक उपयोगिता को भूलने लगता है
व्यक्तिगत विकास को ही प्रमुखता देता है
केवल अपने परिवार के सदस्यों का ही कल्याण

4व्यक्ति तथा समाज का संबंध सापेक्ष है कथन में 'सापेक्ष" शब्द का अर्थ है-
दोनों की सत्ता एक दूसरे पर आधारित है
व्यक्ति समाज के बिना नहीं रह सकता
समाज व्यक्ति के बिना प्राणहीन है
दोनों का संबंध गहरा है

5 प्रयुक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है
समाज का अस्तित्व
सार्वजनिक विकास
व्यक्ति व समाज का संबंध
उपर्युक्त में से कोई नहीं​

Answers

Answered by Aadityakushwaha
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Answer:

me knowledge in this is what is your responsibility to keep it in your area I was just wondering if I am Aaditya in our

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