Hindi, asked by khushiyadav23546, 1 month ago

निम्न. लोकोक्तियों के अर्थ सहित वाक्य लिखिए
क) पराधीन सपने हुँ सुख नाहीं
ख) हाथ कंगन को आरसी क्या​

Answers

Answered by AARAV2759
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पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं – इस उक्ति का अर्थ होता है कि पराधीन व्यक्ति कभी भी सुख को अनुभव नहीं कर सकता है। सुख पराधीन और परावलंबी लोगों के लिए नहीं बना है। पराधीन एक तरह का अभिशाप होता है। मनुष्य तो बहुत ही दूर है पशु-पक्षी भी पराधीनता में छटपटाने लगते हैं।ल्न्ज्ञज्प् ज्ञान-हाथ कंगन को आरसी क्या? = प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता। प्रयोग-अखबार पढ़ने वाले उस व्यक्ति से टेलीग्राम पढ़वा लें क्योंकि वह पढ़ा-लिखा है।

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