Hindi, asked by thinkofmaster1974, 4 days ago

निम्न लिखित पद्यांश पढ़िए और संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए
1. आई सीधी राह से, गई न सीधी राह ।
सुषुम-सतु पर खड़ी थी, वीत गया दिन आह ।
जेब टटोली, कौड़ी न पाई ।
माझी को दूं, क्या उतराई ?
थिल-थल में बसता है शिव ही,
भेद न कर क्या हिंदू--मुसलमाँ ।
ज्ञानी है तो स्वयं को जान,
वही है साहिब से पहचान ।​

Answers

Answered by vy649972
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Answer:

आई सीधी राह से गई ना सीधी राह से कवयित्री का तात्पर्य यह है कि वह जिस परमात्मा ने उसे सरल और सहज भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए इस संसार में भेजा था और उसी सरल और सहज मार्ग पर चलकर वह ईश्वर को प्राप्त कर सकती थी, लेकिन उसने ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सरल और सहज मार्ग अपनाने की बजाय साधनाओं वाला टेढ़ा-मेढ़ा मार्ग .

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