निम्न्लीखीत विषयों मैं से किसी एक विषय परिणाम 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए?
1. मैं नदी बोल रही हू।
Kindly don't give answers if you don't know
Answers
Explanation:
मुझे कई अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, जैसे : नहर, सरिता, प्रवाहिनी, तटिनी, आदि। मैं मुख्यतः स्वभाव से चंचल हूं, पर कभी-कभी मद्धम भी हो जाती हूं। कल-कल करके बहती ही रहती हूं, निरंतर – बिना रुके, बिना अटके, बस चलती ही रहती हूं। मेरा जन्म पर्वतों में हुआ और वहां से झरनों के रूप में मैं आगे बढ़ती हूं और फिर बहते बहते बस सागर में जा मिलती हूं।
मेरा बहाव कभी तेज, तो कभी कभी धीमा होता है। मैं स्थान अनुसार कभी संक्री, तो कभी चौड़ी हो जाती हूं। मेरे रास्ते में बहुत अड़चनें, बहुत रुकावट आती है; कभी पत्थर, कभी कंकर, कभी चट्टान – पर मैं कभी ठहरती नहीं हूं – अपना रास्ता बनाते चलती रहती हूं, झर झर बहती रहती हूं।
मनुष्य मुझसे अनेकों प्रकार से जुड़ा हुआ है, या यूं कहूँ के मैं मनुष्य के लिए अति उपयोगी हूँ। मनुष्य के लिए मेरे क्या क्या उपयोग हैं ? चूंकि मेरे भीतर जीव जंतु पाए जाते हैं इसलिए मैं मनुष्य के लिए भोजन का स्त्रोत हूं, मैं ना जाने कितने ही लोगों का पेट भरती हूं। मेरे ही कारण सभी के घरों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध हो पाती है अथवा उस पानी से मनुष्य अपने अनगिनत कार्यों को निपटाता है।
मैं पर्यावरण में पारितंत्र का संतुलन भी बनाए रखती हूं। मेरे ही पानी द्वारा मनुष्य अपने उपयोग के लिए बिजली उत्पन्न करता है और उस बिजली से मशीनरी के ढेरों काम होते हैं। मेरे नीर से ही खेतों की सिंचाई भी होती है, जिसके कारण फसलों में जान आती है एवं अनाज लहलहाने लगता है, बागों में लगे पेड़ फलों से लद जाते हैं।
Answer : मैं प्राणियों की प्यास बुझती हूँ और उन्हें जीवन रूपी वरदान देती हूँ। नदी का जन्म : मैं एक नदी हूँ और मेरा जन्म पर्वतमालाओं की गोद से हुआ है। मैं बचपन से ही बहुत चंचल थी। ... मैं अपने इस जीवन से बहुत खुश हूँ क्योंकि मैं हर एक प्राणी के काम आती हूँ , लोग मेरी पूजा करते हैं , मुझे माँ कहते हैं , मेरा सम्मान करते हैं।