Hindi, asked by s148012cgoutam00805, 25 days ago

निम्नालिखत कब्यश के आधार प्रति प्रश्नों के उत्तर दिजिये-

आत्मपरिचय

मैं यौवन का उन्‍माद लिए फिरता हूँ,
उन्‍मादों में अवसाद लए फिरता हूँ,
जो मैं यौवन का उन्‍माद लिए फिरता हूँ,
उन्‍मादों में अवसाद लए फिरता हूँ,
जो मुझको बाहर हँसा, रुलाती भीतर,
मैं, हाय, किसी की याद लिए फिरता हूँ!
कर यत्‍न मिटे सब, सत्‍य किसी ने जाना?
नादन वहीं है, हाय, जहाँ पर दाना!
फिर मूढ़ न क्‍या जग, जो इस पर भी सीखे?
मैं सीख रहा हूँ, सीखा ज्ञान भूलना!
कर यत्‍न मिटे सब, सत्‍य किसी ने जाना?
नादन वहीं है, हाय, जहाँ पर दाना!
फिर मूढ़ न क्‍या जग, जो इस पर भी सीखे?
मैं सीख रहा हूँ, सीखा ज्ञान भूलना!

१..कवि को बाहर भितर क्या हंसाता - रूलाता है. ?

२. कवि ने यह क्यों कहा कि सत्य किसी ने नहीं जाना? ​

Answers

Answered by tr399750
0

Answer:

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Answered by gajrajmeena2006
0

Answer:

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