निम्नालाखत में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
'ठेस कहानी के आधार पर सिरचन के चरित्र का विश्लेषण कीजिए।
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Answer:
सिरचन एक ग्रामीण किन्तु स्वाभिमानी कलाकार है | वह मोथी घास लाल और पटेर की रंगीन शीतल पाटी(चटाई ) बांस की तीलियों की झिलमिलाती चिक ,सतरंगे डोरे के मोढ़े भूसी-चुन्नी रखने के लिए मूंज की रस्सी के बड़े-बड़े जाले , ताल के सूखे पत्तों की छतरी -टोपी आदि उपयोगी वस्तुएं बनाता है | ये वस्तुएं बनाकर वह अपनी आजीविका कमाता है |
सिरचन स्वाभिमान से परिपूर्ण व्यक्ति है और एक उच्च कोटि का कलाकार है और उसमें स्वाभिमान कूट -कूट कर भरा है | भावुक होने के कारण उसके काम को कोई टोके उसे तनिक भी बर्दाश्त नहीं होता यही कारण है कि वह लेखक की चाची के बुरा -भला कहने पर नाराज होकर काम अधूरा छोड़ कर चला जाता है परंतु मानू से स्नेह होने के कारण नाराजगी के बावजूद वह सभी चीजे बनाता है | उसकी कारीगरी देखकर लेखक भी दंग रह जाते हैं इतना ही नहीं वह स्वयं उन चीजों को लेकर स्टेशन आता है और मानू जब मां द्वारा कही गई मोहर छाप वाली धोती का दाम सिरचन को देना चाहती है तो दोनों हाथ जोड़कर मना कर देता है |
"ठेस " कहानी के शीर्षक के अंतर्गत सिरचन का चरित्र -चित्रण दर्शाता है कि सिरचन एक प्रवीण कारीगर है उसे इसका गर्व ( स्वाभिमान )भी है , जिसे ठेस पहुँचती है किन्तु फिर भी वह सहृदय एवं संवेदनशील है | अस्तु वह अपने स्नेह को नाराजगी से ऊपर स्थान देता है |