निम्न में से कौन सा कथन गलत है?
(1) डी-ब्रोगली तरंगदैर्ध्य है A = λ = h/mv, जहाँ m = कण का द्रव्यमान, p= कण का समूह वेग।
(2) अनिश्चितता सिद्धान्तं के अनुसार ∆E × ∆t ≥ h/4π
(3) अर्द्धपूरित एवं पूरित कक्षकों का उच्च स्थायित्व उच्च विनिमय ऊर्जा, उच्च सममिति, अधिक संतुलित व्यवस्था के कारण है।
(4)हाइड्रोजन जैसे परमाणुओं के लिये 2s कक्षक की ऊर्जा 2p कक्षक की ऊर्जा से कम होती है।
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निम्न में से कौन सा कथन गलत है?
(1) डी-ब्रोगली तरंगदैर्ध्य है A = λ = h/mv, जहाँ m = कण का द्रव्यमान, p= कण का समूह वेग।
(2) अनिश्चितता सिद्धान्तं के अनुसार ∆E × ∆t ≥ h/4π
(3) अर्द्धपूरित एवं पूरित कक्षकों का उच्च स्थायित्व उच्च विनिमय ऊर्जा, उच्च सममिति, अधिक संतुलित व्यवस्था के कारण है।✔✔
(4)हाइड्रोजन जैसे परमाणुओं के लिये 2s कक्षक की ऊर्जा 2p कक्षक की ऊर्जा से कम होती है।
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1 and 2 is wrong ........
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