Political Science, asked by samiya3020, 9 months ago

निम्न में से किस राष्ट्रीय आन्दोलन के किस चरण का लक्ष्य पूर्ण स्वराज्य की प्राप्ति था
(अ) दूसरा चरण
(ब) प्रथम चरण
(स) तृतीय चरण
(द) इनमें से कोई नहीं।

Answers

Answered by LUVJAANI
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Explanation:

Hey Your answer

क्रांतिकारी आंदोलन (द्वितीय चरण) ❤

Answered by shishir303
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सही उत्तर है, विकल्प...

(अ) दूसरा चरण

Explanation:

भारतीय स्वाधीनता के संदर्भ में राष्ट्रीय आंदोलन के दूसरे चरण का लक्ष्य पूर्ण स्वराज की प्राप्ति था। यह आंदोलन अतिवादियों से संबंधित आंदोलन रहा है। राष्ट्रीय आंदोलन के प्रथम चरण में भारतीयों नेताओं की भूमिका उदारवादी रही है। ये उदारवादी नेता अंग्रेजों से विनती करके स्वराज मांगना चाहते थे, लेकिन अंग्रेजों ने दमनकारी नीति अपनाये रखी, जिससे इन भारतीयों को आघात पहुंचा और उनकी समझ में आ गया कि अंग्रेज न्यायप्रिय नहीं है। स्वराज मांगने से नहीं बल्कि संघर्ष करने से मिलेगा। उसके बाद राष्ट्रीय आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। इसे अतिवादी आंदोलन के नाम से जाना जाता है, इस आंदोलन का काल 1906 से 1919 तक रहा है। इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेताओं में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल, अरविंद घोष आदि जैसे गरम दल के नेता थे। लाल-बाल-पाल की तिकड़ी इसी आंदोलन के नेताओं से संबंधित थी। अतिवादी नेताओं का लक्ष्य पूर्ण स्वराज की मांग प्राप्त था और इसके लिए उन्होंने तीव्र आंदोलन चलाया। स्वदेशी का समर्थन किया और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करके जनता में आत्मनिर्भरता को प्रेरित किया। आत्मविश्वास जगाया तथा राष्ट्रीयता की भावना पैदा की। ये नेता अंग्रेजों के प्रति नरम रूख का भाव नहीं रखते थे बल्कि उनसे संघर्ष कर अपनी स्वतंत्रता मांगने में विश्वास रखते थे।

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