निम्न में से किस शब्द में एक से अधिक उपसर्गों का प्रयोग हुआ है? *
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(क) प्रबल
(ख) पुनर्निमाण
(ग) चौराहा
(घ) प्रभाव
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Answer:
हिंदी भाषा में शब्दों की रचना कई प्रकार से की जाती है। इन्हीं में से एक विधि है-शब्दों के आरंभ या अंत में कुछ शब्दांश जोड़कर नए शब्द बनाना। इस तरह से प्राप्त नए शब्द के अर्थ में नवीनता देखी जा सकती है; जैसे-‘हार’ शब्द में ‘आ’, ‘प्र’, ‘वि’ सम् जोड़ने पर हमें क्रमशः आहार, प्रहार और विहार शब्द प्राप्त होते हैं, जो अपने मूल शब्द हार के अर्थ से पूरी तरह अलग अर्थ रखते हैं; जैसे- हार (पराजय, फूलों की माला)
आ + हार = आहार – भोजन
प्र + हार = प्रहार – चोट
वि + हार = विहार – भ्रमण करना
I. उपसर्ग
वे शब्दांश, जो किसी शब्द के शुरू (आरंभ) में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता ला देते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं; जैसे उपसर्ग मूलहिंदी भाषा में तीन प्रकार के उपसर्ग प्रचलित हैं-
(क) संस्कृत के उपसर्ग,
(ख) हिंदी के उपसर्ग,
(ग) विदेशी उपसर्ग।
(क) संस्कृत के उपसर्ग- संस्कृत के उपसर्गों को तत्सम उपसर्ग भी कहा जाता है। ये उपसर्ग प्रायः उन शब्दों के साथ जुड़ते हैं, जो संस्कृत भाषा से हिंदी में आए हैं; जैसे-
अति + आचार = अत्याचार,
दुर् + लभ = दुर्लभ
संस्कृत उपसर्गों से बना कुछ और शब्द-ख) हिंदी के उपसर्ग-हिंदी के उपसर्गों को तद्भव उपसर्ग भी कहा जाता है। इनका प्रयोग प्रायः हिंदी शब्दों के साथ किया जाता है; जैसे-
अध + जला = अधजला,
कु + चाल = कुचाल,
बिना + माँगे = बिनमाँगे
CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण उपसर्ग-प्रत्यय 4
विदेशी उपसर्ग- इन्हें आगत उपसर्ग भी कहा जाता है। विदेशी उपसर्गों में अरबी-फारसी और अंग्रेज़ी के उपसर्गों का प्रयोग विदेशी भाषा के शब्दों के साथ किया जाता है। इस प्रकार के शब्द भी हिंदी में प्रयोग किए जाते हैं; जैसे-
ना + समझ = नासमझ,
हम + सफर = हमसफर,
हर + दम = हरदम
दुख का अधिकार
एवरेस्ट-मेरी शिखर यात्रा
तुम कब जाओगे, अतिथि शब्द उपसर्ग
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