निम्िनिनित पद्यांश को पढ़कर पछूेगए प्रश्ो ोँकेउत्तर सांक्षेप मेोँदीनिए- (2.5) बडी चीजेंसिंकटों मेंद्ववकास पाती ह,ैंबडी हद्वततयााँबडी मुसीबतों मेंपलकर दुद्विया पर कब्जा करती ह।ैं अकबर िेतेरह साल की उम्र मेंअपिेद्वपता केदुश्मि को परातत कर द्वदया था, द्वजसका एकमात्र कारर् यह था द्वक अकबर का जन्म रेद्वितताि मेंहुआ था और वह भी उस समय, जब उसकेद्वपता केपास एक कततरूी को िोडकर और कोई दौलत िहीं थी। महाभारत में देश के प्रायः अद्विकािंश वीर कौरवों के पक्ष में थे, मिर द्विर भी जीत पािंडवों की हुई, क्योंद्वक उन्होंिे लाक्षािहृ की मुसीबत झेली थी, क्योंद्वक उन्होंिेविवास केजोद्विम को पार द्वकया था। द्वविंतटि चद्वचयल िे कहा है द्वक द्वजिंदिी की सबसे बडी द्वसफ़त द्वहम्मत है। आदमी केऔर सारेिुर् उसकेद्वहम्मती होिेसेपदैा होतेह।ैंद्वजिंदिी की दो ही सरूतेंह।ैंएक तो आदमी बडे- से-बडे मकसद के द्वलए कोद्वशश करे , जिमिाती हुई जीत पर पिंजा डालिे के द्वलए हाथ बढाए और अिर असिलताएाँ कदम-कदम पर जोश की रोशिी केसाथ अाँद्वियाली या जाल बुि रही हों, तब भी वह पीिेको पााँव ि हटाए-दूसरी सरूत यह हैद्वक उि िरीब आत्माओिंका हमजोली बि जाए, जो ि तो बहुत अद्विक सुि पाती हैं और ि द्वजन्हेंबहुत अद्विक दुि पािेका ही सिंयोि ह,ैक्योंद्वक वेआत्माएाँऐसी िोिद्वूल मेंबसती ह,ैंजहााँ ि तो जीत हाँसती हैऔर ि कभी हार केरोिेकी आवाज़ सुिाई देती ह।ै इस िोिद्वूल वाली दुद्विया केलोि बाँिेहुए घाट का पािी पीतेहैंवेद्वजिंदिी केसाथ जुआ िहीं िेल सकते। और कौि कहता हैद्वक परूी द्वजिंदिी को दााँव पर लिा देिे में कोई आििंद िहीं है? अिर रातता आिे ही द्विकल रहा हो, तो द्विर असली मज़ा तो पााँव बढाते जािे में ही है। साहस की द्वजिंदिी सबसे बडी द्वजिंदिी होती है। ऐसी द्वजिंदिी की सबसे बडी पहचाि यह हैद्वक वह द्वबलकुल द्विडर, द्वबलकुल बेिौफ़ होती ह।ैसाहसी मिुष्य की पहली पहचाि यह हैद्वक वह इस बात की द्वचिंता िहीं करता द्वक तमाशा देििे वाले लोि उसके बारे में क्या सोच रहे हैं। जिमत की उपेक्षा करकेजीिेवाला आदमी दुद्विया की असली ताकत होता हैऔर मिुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से द्वमलता है। अडोस-पडोस को देिकर चलिा, यह सािारर् जीव का काम है। क्ािंद्वत करिे वाले लोि अपिेउद्देश्य की तुलिा ि तो पडोसी केउद्देश्य सेकरतेहैंऔर ि अपिी चाल को ही पडोसी की चाल देिकर मद्विम बिाते हैं। प्रश्नः
1. िद्ािंश में अकबर का उदाहरर् क्यों द्वदया िया है? प्रश्नः
2. आशय तपष्ट कीद्वजए “जहााँि तो जीत हाँसती हैऔर ि कभी हार केरोिेकी आवाज़ सुिाई देती ह।ै”
प्रश्नः 3.साहस की द्वजिंदिी को सबसे बडी द्वजिंदिी क्यों कहा िया है?
प्रश्नः 4.
साद्वहत्यकार को समाज का पथ-द्विमायता और पथ-प्रदशयक क्यों कहा िया है?
प्रश्नः 5.
आशय तपष्ट कीद्वजए ‘अपिी आाँि पर पट्टी बााँिकर सयूयको िकारिा।’
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I am a singer not a teacher
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ई एएम गिविन्ग एग्ज़ाम रहछ्वज्फ़जस्जदजड़ज
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