निम्न पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए कितनी बार गगरिया फूटी
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कितनी बार गागरिया फूटी शिकन न कर पाई पनघट पर --
< गागरिया - घड़ा >
Explanation:
इस पंक्ति का अर्थ है कि गागरिया अर्थात् गड़ा पनघट पर ना जाने कितनी ही बार फूटा होगा पर पनघट कभी भी उन फूटे हुए घाडो का शोक नहीं मंतहाई यूएसआईआई प्रकार हमे भी चाहे कितनी भी दुख - दर्द आए, चुनौतियां आए हमे कभी भी अंदर से टूटना नहीं चाहिए डट कर उनका मुकाबला करना चाहिए।
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