निम्न पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए-
आज घर की बात सोचता हूं वह इमली का बीज लगता है, जिंदगी के लिए अम्लान लगाव के रूप में एक
छतनार पेड़ बन गया है।
Tents
(ख)
कुम्हार मुस्कराता रहा, मिट्टी खिझती रही-भीगने से, पकने से, टूटने से।
विधाता का चाक घूमता ही जा रहा है।
जिंदगी में ताप कम नहीं है, पर मन है कि ज्वालामुखी के ऊपर बर्फ की चादर बना हुआ है।
ङ)
आजकल तो दूध इतना शुद्ध है कि हंस आए तो झंखने लगे।
(बहुविकल्पीय प्रश्न
ल्प पर सही का निशान (स) लगाइए-
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bro could u rewrite it pls
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